अर्थ : शैव आपल्या कपाळावर भस्माचे आडवे तीन पट्टे ओढून करतात ते चिन्ह.
उदाहरण :
वाटेत त्रिपुंड्र लावलेला साधू भेटला
अन्य भाषाओं में अनुवाद :
भस्म की तीन आड़ी रेखाओं का वह तिलक जो शैव लोग माथे पर लगाते हैं।
पंडितजी के माथे पर त्रिपुंड सुशोभित हो रहा है।