अर्थ : मित्र इत्यादी आपल्या आप्तांने केलेली गोष्ट आपल्या मनाला न पटल्यास, त्याने आर्जव करून समज घालावी अशी तर्हेने भावनापूर्ण कोप येण्याची क्रिया.
उदाहरण :
तुझा रुसवा कसा घालवायचा हेच कळत नाही.
अन्य भाषाओं में अनुवाद :
साहित्य के अनुसार मन में होने वाला वह विकार जो अपने प्रिय व्यक्ति के किसी दोष या अपराध के कारण कुछ समय के लिए उसे उदासीन कर देता है।
नाटक में मान से गुजरती हुई नायिका एकान्त में रोने लगी।