अर्थ : ନ୍ୟାୟ ଶାସ୍ତ୍ର ଅନୁସାରେ ଯେଉଁ ସ୍ଥିତିରେ ଏଭଳି ଦୁଇଟି କଥା କୁହାଯାଏ ଯାହା ପାରସ୍ପରିକ ଭାବେ ଗୋଟିଏ ଅନ୍ୟ ଉପରେ ଆଶ୍ରିତ ହୋଇଥାଏ ଏବଂ ଏହି କାରଣରୁ ଦୁଇଟି ମଧ୍ୟରୁ କୌଣସି ଗୋଟିଏ ବି ଠିକଭାବେ ସିଦ୍ଧ ହୋଇପାରେ ନାହିଁ
उदाहरण :
ଇତରେତରାଶ୍ରୟକୁ ତର୍କରେ ଏକ ଦୋଷ ବୋଲି ବିଚାର କରାଯାଏ
अन्य भाषाओं में अनुवाद :
न्यायशास्त्र के अनुसार वह स्थिति जब ऐसी दो बातें कही जाती हैं जो आपस में एक दूसरे पर आश्रित होती हैं और इसी कारण से दोनों में से कोई भी ठीक तरह से सिद्ध नहीं हो पाती।
इतरेतराश्रय को तर्क का एक दोष माना गया है।