अर्थ : श्राद्ध-कर्म योग्यप्रकारे न झाल्यामुळे मुक्त न झालेल्या आत्म्याची अवस्था.
उदाहरण :
बद्धावस्थेतून मुक्त होणे शक्य असते का?
अन्य भाषाओं में अनुवाद :
वह अवस्था जिसमें ऐसा माना जाता है कि मृतक की आत्मा श्राद्ध-कर्म के ठीक से न होने पर भटकती है।
भगवान उन्हें अगति से मुक्ति दें।