पृष्ठ के पते की प्रतिलिपि बनाएँ ट्विटर पर सांझा करें व्हाट्सएप पर सांझा करें फेसबुक पर सांझा करें
गूगल प्ले पर पाएं
हिन्दी शब्दकोश से अरत्नि शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

अरत्नि   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / वस्तु / शारीरिक वस्तु
    संज्ञा / भाग

अर्थ : कन्धे से पंजे तक का वह अंग जिससे चीजें पकड़ते और काम करते हैं।

उदाहरण : गाँधीजी के हाथ बहुत लंबे थे।
भीम की भुजाओं में बहुत बल था।

पर्यायवाची : आच, कर, बाँह, बाज़ू, बाजू, बाहु, भुजा, शबर, सारंग, हस्त, हाथ

A human limb. Technically the part of the superior limb between the shoulder and the elbow but commonly used to refer to the whole superior limb.

arm
२. संज्ञा / निर्जीव / वस्तु / शारीरिक वस्तु
    संज्ञा / भाग

अर्थ : बाँह के बीच का वह जोड़ जहाँ से हाथ और कलाई मुड़कर ऊपर उठती है।

उदाहरण : गिरने से उसकी कुहनी छिल गयी है।

पर्यायवाची : अरत्निक, कील, कुहनी, कोहनी, भुजामध्य

Hinge joint between the forearm and upper arm and the corresponding joint in the forelimb of a quadruped.

articulatio cubiti, cubital joint, cubitus, elbow, elbow joint, human elbow
३. संज्ञा / निर्जीव / वस्तु

अर्थ : मीमांसाशास्त्र के अनुसार एक नाप।

उदाहरण : पूर्वकाल में अरत्नि से यज्ञ की वेदी नापी जाती थी।

चौपाल

मुहावरे भाषा को सजीव एवम् रोचक बनाते हैं। हिन्दी भाषा के मुहावरे यहाँ पर उपलब्ध हैं।

अरत्नि (aratni) ka meaning, vilom shabd, paryayvachi aur samanarthi shabd in English. अरत्नि (aratni) ka matlab kya hota hai? अरत्नि का मतलब क्या होता है?