१. संज्ञा
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निर्जीव
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अमूर्त
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गुणधर्म
अर्थ : साहित्य के नौ रसों में से सबसे अधिक प्रसिद्ध प्रधान रस।
उदाहरण :
शृंगार रस में नायक-नायिका के मिलन अथवा संयोग से उत्पन्न सुख या वियोग के कारण होने वाले कष्टों का वर्णन होता है।
पर्यायवाची :
आदिरस,
शृंगार,
शृंगार रस,
श्रृंगार