अर्थ : वह ज्योतिर्मय अंड जिससे ब्रह्मा तथा समस्त सृष्टि की उत्पत्ति हुई है।
उदाहरण :
मुझे तो हिरण्यगर्भ एक संकल्पना प्रतीत होता है।
अर्थ : हिन्दुओं के एक देवता जो सृष्टि के सृजक माने जाते हैं।
उदाहरण :
नारद ब्रह्मा के वरद पुत्र हैं।
पर्यायवाची : अजन, अब्जज, अब्जयोनि, अब्जस्थित, अब्जासन, अयोनि, अयोनिज, अरविंदयोनि, अरविंदसद, अरविंदसद्, अरविन्दयोनि, अरविन्दसद, अरविन्दसद्, अष्ट-कर्ण, अष्टकर्ण, आत्म-योनि, आत्मभू, आत्मसमुद्भव, गिरापति, चतुरानन, जगद्धाता, जगद्योनि, दुहिन, धातृ, पंकजासन, परमेष्ठ, पितामह, प्रजापति, ब्रह्मदेव, ब्रह्मा, मंजुप्राण, मृगयू, वसुनीत, विधाता, विधि, विधु, विरिंचन, विश्वग, वेदगर्भ, वेदी, वेदीश, वेदेश्वर, वेध, वेधा, शंभु, शतधृति, शतपत्र -निवास, शतपत्र निवास, शतपत्रयोनि, शतानंद, शतानन्द, शम्भु, श्रुतिमाल, सलिल योनि, सलिल-योनि, सलिलयोनि, स्थविर, हंसवाहन, हंसारूढ़, हेमांग
अर्थ : हिन्दुओं के एक प्रमुख देवता जो सृष्टि का पालन करने वाले माने जाते हैं।
उदाहरण :
राम और कृष्ण विष्णु के ही अवतार हैं।
पर्यायवाची : अंबरीष, अक्षर, अच्युत, अनीश, अन्नाद, अब्धिशय, अब्धिशयन, अमरप्रभु, अमृतवपु, अम्बरीष, अरविंद नयन, अरविन्द नयन, अरुण-ज्योति, अरुणज्योति, असुरारि, इंदिरा रमण, कमलनयन, कमलनाभ, कमलनाभि, कमलापति, कमलेश, कमलेश्वर, कुंडली, कुण्डली, केशव, कैटभारि, खगासन, खरारि, खरारी, गजाधर, गरुड़गामी, गरुड़ध्वज, चक्रधर, चक्रपाणि, चक्रेश्वर, चिरंजीव, जगदीश, जगदीश्वर, जगद्योनि, जगन्, जनार्दन, जनेश्वर, डाकोर, त्रिलोकीनाथ, त्रिलोकेश, त्रिविक्रम, दम, दामोदर, देवाधिदेव, देवेश्वर, धंवी, धन्वी, धातृ, धाम, नारायण, पद्म-नाभ, पद्मनाभ, पुंडरीकाक्ष, फणितल्पग, बाणारि, बैकुंठनाथ, मधुसूदन, महाक्ष, महागर्भ, महानारायण, महाभाग, महेंद्र, महेन्द्र, माधव, माल, रत्ननाभ, रमाकांत, रमाकान्त, रमाधव, रमानाथ, रमानिवास, रमापति, रमारमण, रमेश, लक्ष्मीकांत, लक्ष्मीकान्त, लक्ष्मीपति, वंश, वर्द्धमान, वर्धमान, वसुधाधर, वारुणीश, वासु, विधु, विभु, विश्वंभर, विश्वकाय, विश्वगर्भ, विश्वधर, विश्वनाभ, विश्वप्रबोध, विश्वबाहु, विश्वम्भर, विष्णु, वीरबाहु, वैकुंठनाथ, व्यंकटेश्वर, शतानंद, शतानन्द, शारंगपाणि, शारंगपानि, शिखंडी, शिखण्डी, शुद्धोदनि, शून्य, शेषशायी, श्रीकांत, श्रीकान्त, श्रीनाथ, श्रीनिवास, श्रीपति, श्रीरमण, श्रीश, सत्य-नारायण, सत्यनारायण, सर्व, सर्वेश्वर, सहस्रचरण, सहस्रचित्त, सहस्रजित्, सारंगपाणि, सुप्रसाद, सुरेश, स्वर्णबिंदु, स्वर्णबिन्दु, हरि, हिरण्यकेश, हृषिकेश, हृषीकेश
अर्थ : सूक्ष्म शरीर से संयुक्त आत्मा।
उदाहरण :
कहते हैं कि मां के गर्भ में आने से पूर्व जीव हिरण्यगर्भ होता है।
अर्थ : एक मंत्रकार ऋषि।
उदाहरण :
लोग हिरण्यगर्भ की प्रतिभा से परिचित थे।
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