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हिन्दी शब्दकोश से स्थायी-भाव शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

स्थायी-भाव   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / अमूर्त

अर्थ : साहित्य में, वे मूल तत्व जो मूलतः मनुष्यों के मन में प्रायः सदा निहित रहते हैं और कुछ विशिष्ट अवसरों पर अथवा कुछ विशिष्ट कारणों से स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं।

उदाहरण : रति, हास्य, शोक, क्रोध, उत्साह, भय, जुगुप्सा, विस्मय आदि स्थायीभाव भरत के नाट्यशास्त्र में हैं।

पर्यायवाची : स्थायी भाव, स्थायीभाव


अन्य भाषाओं में अनुवाद :

ಸಾಹಿತ್ಯದಲ್ಲಿನ ಈ ಮೂಲ ತತ್ವಗಳು ಮೂಲತಃ ಮನುಷ್ಯರುಗಳ ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ಪ್ರಾಯಶಃ ಸದಾ ಸ್ಥಾಪಿತವಾಗಿರುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಕೆಲವು ವಿಶಿಷ್ಟ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಅಥವಾ ಕೆಲವು ವಿಶಿಷ್ಟ ಕಾರಣಗಳಿಂದ ಸ್ವಷ್ಟ ರೂಪದಿಂದ ಪ್ರಕಟವಾಗುತ್ತದೆ

ರತಿ, ಹಾಸ್ಯ, ಶೋಕ, ಕ್ರೋಧ, ಉತ್ಸಾಹ, ಭಯ, ಜುಗುಪ್ಸೆ, ವಿಸ್ಮಯ ಮೊದಲಾದ ಸ್ತಾಯಿಭಾವ ಭರತನ ನಾಟ್ಯಶಾಸ್ತ್ರದಲ್ಲಿದೆ.
ಸ್ತಾಯಿ ಭಾವ, ಸ್ತಾಯಿ-ಭಾವ, ಸ್ತಾಯಿಭಾವ

भरताच्या नाट्यशास्त्रातील रसाच्या निष्पत्तीला आधारभूत मानलेल्या चित्तवृत्तींपैकी प्रत्येक.

रति, हास, शोक, क्रोध, उत्साह, भय, जुगुप्सा आणि विस्मय असे सात स्थायीभाव भरताच्या नाट्यशास्त्रात सांगितले आहेत.
स्थायी, स्थायीभाव

चौपाल

मुहावरे भाषा को सजीव एवम् रोचक बनाते हैं। हिन्दी भाषा के मुहावरे यहाँ पर उपलब्ध हैं।

स्थायी-भाव (sthaayee-bhaav) ka meaning, vilom shabd, paryayvachi aur samanarthi shabd in English. स्थायी-भाव (sthaayee-bhaav) ka matlab kya hota hai? स्थायी-भाव का मतलब क्या होता है?