अर्थ : साहित्य में, वे मूल तत्व जो मूलतः मनुष्यों के मन में प्रायः सदा निहित रहते हैं और कुछ विशिष्ट अवसरों पर अथवा कुछ विशिष्ट कारणों से स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं।
उदाहरण :
रति, हास्य, शोक, क्रोध, उत्साह, भय, जुगुप्सा, विस्मय आदि स्थायीभाव भरत के नाट्यशास्त्र में हैं।
पर्यायवाची : स्थायी-भाव, स्थायीभाव
स्थायी भाव (sthaayee bhaav) ka meaning, vilom shabd, paryayvachi aur samanarthi shabd in English. स्थायी भाव (sthaayee bhaav) ka matlab kya hota hai? स्थायी भाव का मतलब क्या होता है?